सिडनी टेस्ट में मिले हार के बाद भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर इरफ़ान पठान काफी नाराज़ दिखे और उन्होंने मैच के बाद सुनील गावस्कर के साथ अपनी बात रखते हुए कहा की भारत को ‘सुपर स्टार कल्चर’ नहीं चाहिए बल्कि हमे टीम कल्चर चाहिए |
सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम की हार ने फैंस को निराश कर दिया। इस हार के बाद, पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने भारतीय क्रिकेट में ‘सुपरस्टार कल्चर’ को लेकर एक साहसिक बयान दिया। उनके इस बयान ने इस मुद्दे पर बहस को जन्म दिया कि यह कल्चर टीम के प्रदर्शन और एकता को कैसे प्रभावित कर सकता है।
हालिया सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम की हार ने फैंस को झकझोर दिया। मैदान पर कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद टीम ऑस्ट्रेलियाई टीम को पछाड़ने में असफल रही। इस हार के बाद टीम की मनोस्थिति, नेतृत्व और खिलाड़ियों की मानसिकता पर चर्चा शुरू हो गई।
सिडनी में आने से पहले बॉर्डर गावस्कर सीरीज ऑस्ट्रेलिया 2-1 से लीड कर रहे थे और भारत के पास ये मौका था की सिडनी में जीत हासिल कर सीरीज ड्रॉ करके बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी फिर से रिटेन करले और WTC में बने रहने का एक बाहरी मौका भी था |
आउट ऑफ़ फॉर्म चल रहे रेगुलर कप्तान रोहित शर्मा ने खुद को टीम से बाहर कर लिया, कप्तानी दी गयी जसप्रीत बुमराह को जो इस सीरीज में पुरे भारतीय टीम का भार अपने कंधो पर संभाले हुए थे और जिनकी कप्तानी में भारत ने पर्थ मैच जीतकर सीरीज की शुरुवात की थी |
पर्थ मैच के बाद भारत ने एडिलेड और मेलबर्न में हार का सामना किया, जबकि ब्रिस्बेन के गाबा में हुआ मैच ख़राब मौसम के चलते ड्रॉ हुआ | भारत के मैच हारने का मुख्य कारण आउट ऑफ़ फॉर्म चल रहे बल्लेबाज़ों का था | विराट कोहली के पर्थ टेस्ट के दूसरे पारी में नाबाद शतक जड़ने के बाद, उनका बल्ला बिल्कुल खामोश हो गया |
पुरे सीरीज के दौरान 9 पारियों में विराट का एवरेज एक शतक होने के बावजूद सिर्फ 23.75 का रहा | ये किसी भी बल्लेबाज़ द्वारा सीरीज में शतक लगाने के बाद तीसरा सबसे कम एवरेज है | भारतीय क्रिकेट फैन्स को सबसे ज़्यादा जो बात परेशान कर रही थी वो है विराट के विकेट गवाने का तरीका, वो लगातार लगभग सभी 8 पारियों में कवर ड्राइव लगाते हुए आउट हुए |
विराट के एक ही जैसे आउट होने के तरीके से पूर्व क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने मैच के बाद सुनील गावस्कर के साथ अपनी बात रखते हुए कहा ‘सुपरस्टार कल्चर’ भारत को नहीं चाहिए भारत को चाहिए टीम कल्चर | इसके बाद इरफ़ान पूछते है की विराट ने कब आखरी बार डोमेस्टिक क्रिकेट खेला था, वो जब फ्री भी थे तब भी उन्होंने कभी डोमेस्टिक नहीं खेला | इस्पे जतिन सप्रू जवाब देते हुए कहते है विराट ने आखरी बार 2012 में घरेलु क्रिकेट खेला था |
इरफ़ान पठान आगे अपनी बात रखते हुए कहते है की महान सचिन तेंदुलकर भी करियर के अंत तक घरेलु क्रिकेट भी खेलते थे जब मौका मिल जाता और वो इसलिए खेलते थे क्युकी वो पिच पर समय बिता सके और ज़्यादा समय मैदान पर रह सके |
रन बनाना विराट को काफी अच्छे से पता है, उन्होंने भारत के लिए बहुत रन बनाये है | लेकिन क्या भारतीय टीम 2024 में जिस तरह से फर्स्ट इनिंग में जहाँ पे मैच सेट किया जाता है, वहां पे 15 का औसत है विराट कोहली का और पिछले 5 साल की बात करे तो, विराट कोहली का 30 का औसत भी नहीं है |
इस्पे इरफ़ान सवाल पूछते है की क्या भारतीय टीम डिज़र्व करती है, अपने सीनियर खिलाडी से ऐसा परफॉरमेंस, इससे अच्छा है की आप किसी युवा खिलाडी को लगातार मौका दीजिये और उसे तैयार कीजिये 25 -30 का औसत तो वो भी देगा |
यहाँ पे बात टीम की है यहाँ पे किसी इंडिविजुअल की बात नहीं है | विराट कोहली को हम डीग्रेड नहीं कर रहे है, हम ये बात नहीं कर रहे है की उन्होंने रन नहीं बनाया, उन्होंने बहुत रन बनाये है भारत के लिए, लेकिन वो बार बार लगातार एक ही गलती से पुरे सीरीज में आउट हुए है |
इरफ़ान पठान सुनील गावस्कर की बात का रिफरेन्स देते हुए कहते है की विराट के बल्लेबाज़ी में जो खामियां आ रही है, आपने उन्हें सुधरने की कोशिश नहीं की | वो सनी जी से बात कर सकते थे या महान खिलाडी से बात कर के पूछ सकते थे की मै क्या कर सकता हूँ | गलती को ठीक करने में मेहनत लगती है जो मेहनत विराट कोहली में दिखाई नहीं दी |
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