भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में खेले जाने वाले पहले टेस्ट के लिए भारतीय टीम अपनी प्लेइंग इलेवन लगभग तय कर चुकी है। युवा ऑलराउंडर नितीश रेड्डी के डेब्यू की संभावनाएं बढ़ रही हैं, और पूर्व दिग्गज रवि शास्त्री और सौरव गांगुली ने उनके चयन की वकालत की है।
मुख्य तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की चोट के कारण अनुपस्थिति में भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण की संरचना को लेकर काफी चर्चा हो रही है। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज का खेलना तय माना जा रहा है, जबकि अकाशदीप भी विकल्प हैं। लेकिन शास्त्री और गांगुली का मानना है कि नितीश रेड्डी का ऑलराउंड प्रदर्शन टीम को जरूरी संतुलन दे सकता है।
रवि शास्त्री ने नितीश रेड्डी की तुलना शार्दुल ठाकुर से की, जिन्होंने ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शास्त्री ने कहा, “रेड्डी वही भूमिका निभा सकते हैं जो शार्दुल ने निभाई। वह बल्लेबाजी में योगदान दे सकते हैं और गेंदबाजों को छोटे स्पेल में आराम दे सकते हैं।”
सौरव गांगुली ने भी रेड्डी को टीम में शामिल करने की पैरवी की। उन्होंने कहा, “पर्थ या गाबा में दो विशेषज्ञ स्पिनरों को खिलाने का कोई मतलब नहीं है। रेड्डी निचले क्रम में मजबूती लाएंगे और गेंदबाजी में गहराई देंगे।”
21 वर्षीय नितीश रेड्डी ने हाल ही में अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है। बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज में डेब्यू करने के बाद उन्होंने आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए शानदार खेल दिखाया। हालांकि उनका अंतरराष्ट्रीय अनुभव सीमित है, लेकिन उनकी मेहनत और फिटनेस ने उन्हें चयन के लिए एक मजबूत दावेदार बना दिया है।
रेड्डी के पूर्व अंडर-19 कोच एन. निर्मल कुमार का मानना है कि पर्थ की तेज पिचों पर वह बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “रेड्डी दिन में 20-22 ओवर गेंदबाजी कर सकते हैं और इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। उनके ट्रेनिंग रूटीन ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार किया है।”
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अगर नितीश रेड्डी को डेब्यू का मौका मिलता है, तो यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट की शुरुआत शुक्रवार से होगी, और सभी की निगाहें इस युवा खिलाड़ी पर टिकी होंगी।