मोहम्मद शमी का संघर्ष : 2013 में भारतीय टीम के लिए ODI डेब्यू करते हुए, 22 वर्षीय मोहम्मद शमी ने पाकिस्तान के खिलाफ सईद अजमल को आउट कर अपना पहला ODI विकेट लिया और 4 मेडेन ओवर करके अपना नाम रिकॉर्ड बुक में पहले ही मैच में शामिल कर लिया, रफ़्तार और गेंद को रिवर्स स्विंग कराने की उनकी काबिलियत भारतीय क्रिकेट फैन्स और सिलेक्शन कमिटी का दिल जीत रहे थे | लेकिन उस समय मोहम्मद शमी ने ये नहीं सोचा होगा की अपना पहला ICC ट्रॉफी जीतने के लिए उन्हें 12 साल इंतज़ार करना होगा |
शमी का लम्बा इंतज़ार : आज 34 साल के मोहम्मद शमी अपने करियर में काफी इंज्युरी से गुज़रे है और बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए कमबैक किया है | इसी ICC चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया जब बांग्लादेश के खिलाफ पहले ही मैच में उन्होंने 5 विकेट्स लिए तो, ODI क्रिकेट में सबसे तेज़ 200 विकेट लेने वाले वो दुनिया के दूसरे गेंदबाज़ बन गए |
शमी के आगे मिचेल स्टार्क है जिन्होंने 102 पारियों में ये रिकॉर्ड बनाया था | मोहम्मद शमी ने 104 पारियों में इस उपलब्धि को हासिल किया |
मोहम्मद शमी ने बयां की ख़ुशी : न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल जितने के बाद जब स्टार स्पोर्ट्स के ज़रिये जतिन सप्रू मोहम्मद शमी से ये सवाल करते है की पिछले कुछ सालों में बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बाद आपने पहला ICC मैडल जीता है तो क्या बयां कर पाएंगे की कितनी बड़ी है ये जीत |
इसपर शमी जवाब देते हुए कहते है की जीत तो बहुत बड़ी है और खासकर पिछले कुछ सालों में मैंने जो कठिनाइयां झेली और उसके बाद इतने बड़े ICC इवेंट में आना बड़ी बात थी | लेकिन हाँ इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में मुझे मौका मिला जो मेरे लिए काफी इम्पोर्टेन्ट था, मैंने अपना खोया हुआ रिदम वापस पाया |
पहली जीत हमेशा ख़ास रहती है, इंज्युरी के बाद मै टी 20 वर्ल्ड कप का हिस्सा नहीं बन पाया था, मै घर बैठकर मैच देख रहा था | 2023 वर्ल्ड कप में इतना अच्छा परफॉर्म करने के बाद घर बैठना अच्छा नहीं था | लेकिन जब भारत वो टी 20 वर्ल्ड कप जीते तो मै सोच रहा था की काश मै भी वहां होता, लेकिन आज वो चीज़ और वो फीलिंग पूरी हो गयी है |
ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में मोहम्मद शमी वरुण चक्रवर्ती के साथ भारत के लीडिंग विकेट टेकर रहे उन्होंने 9 विकेट्स लिए और भारत को जीत दिलाई |
2023 वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी को हार्दिक पंड्या के इंजर्ड होने पर मौका मिला था और सिर्फ 7 मैच खेलकर उन्होंने 24 विकेट्स लिए और उस वर्ल्ड कप के लीडिंग विकेट टेकर बन गए, जबकि शुरू के 4 मैच उन्होंने खेला भी नहीं था |
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