23 से 26 फेब्रुअरी को मुंबई और बरोडा के बीच में रणजी ट्रॉफी का क्वाटर फाइनल मैच खेला गया। ये मैच वैसे कई कारणों से सुर्ख़ियों में रहा। एम सी ऐ में खेले गए इस मैच में सबसे पहले जो चर्चा का विषय रहा वो था हाल ही में भारत टीम के लिए सिलेक्ट हुए बल्लेबाज़ सरफ़राज़ खान के भाई मुशीर खान की यादगार पारी। मुशीर ने पिछले कुछ दिनों में काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है, इन्होने फेब्रुअरी के पहले हफ्ते में ख़तम हुए अंडर 19 वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा रन स्कोर किये और वही से अपने फॉर्म को बरक़रार रखा है।
रणजी में मुंबई टीम से क्वार्टर फाइनल मैच में मुशीर ने पहले इनिंग में दोहरा शतक लगाया और मुंबई को एक अच्छे स्कोर पे ले गए। मुशीर के दोहरे शतक के चलते मुंबई पहले पारी में 384 रन बना सकी। जिसके जवाब में बरोडा ने 348 रन बनाये। लेकिन जब मुंबई के बल्लेबाज़ अपनी दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने आये तो एक ऐसा रिकॉर्ड बना जो की रणजी के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।
मुंबई के दूसरे इनिंग में ओपनर हार्दिक तमोरे की सेंचुरी के चलते मुंबई 9 विकेट्स खोकर 337 रन बना चुकी थी जिसमे पृथ्वी शॉ ने भी 93 गेंदों पे 87 रन स्कोर किये। इस मैच की सबसे बड़ी हाईलाइट, मुम्बई के लिए तनुष कोटियन और तुषार देशपांडे के बीच हुई दसवे विकेट की पार्टनरशिप। ऐसा पार्टनरशिप जिसने पुरे रणजी क्रिकेट का इतिहास बदल दिया। नौवा विकेट गिरने पर बल्लेबाज़ी करने आये तुषार देशपांडे वैसे तो अपनी गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते है और तनुष कोटियन भी।
तनुष कोटियन और तुषार देशपांडे के बीच दसवे विकेट के लिए रिकॉर्ड 232 रन की पार्टनरशिप हुई। दोनों ही बल्लेबाज़ों ने इस पार्टनरशिप के दौरान अपनी सेंचुरीज भी पूरी की। तनुष कोटियन 120 रन बनाकर नॉट आउट रहे तो दूसरी तरफ तुषार देशपांडे 123 रन बनाकर निनाद राठवा की गेंद पर कैच आउट हुए। इनकी बल्लेबाज़ी ने बरोडा के गेंदबाज़ो को काफी परेशान किया। इस इनिंग में दोनों बल्लेबाज़ों ने 93 की अच्छी स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की और दोनों ने मिलकर 20 चौके लगाए। तनुष कोटियन ने 4 और तुषार देशपांडे ने 8 छक्के लगाए।