मेगा ऑक्शन से पहले प्लेयर रिटेंशन को लेकर हो सकते है बदलाव
आईपीएल ओनर्स के साथ हुई BCCI की मीटिंग अभी कई मुद्दों पर फसी है : ये मीटिंग इस लिए कराई गयी थी की बीसीसीआई अलग अलग मुद्दों पर टीम मालिकों के विचार जान सके। कुछ बातों पर आपसी सहमति दिखी तो कई सारी चीज़ों को लेकर टीम मालिकों में मतभेद देखने मिला। वैसे तो इस मीटिंग का एजेंडा विदेशी खिलाडियों के डिफॉल्टिंग, इम्पैक्ट प्लेयर के नियम, कुछ बिज़नेस वाले पॉइंट्स जैसे की लाइसेंसिंग और गेमिंग की बातें हुई लेकिन इनमे से मतभेद का सबसे बड़ा कारण था मेगा ऑक्शन को लेकर। 31 जुलाई को बुलाई गयी इस मीटिंग से बीसीसीआई टीम मालिकों के सुझाव को आईपीएल के गवर्निंग कौंसिल को सौपेगी और फिर सारी चीज़ो के विषय में जो नियम होंगे उसे टीम मालिकों को बताया जाएगा।
मेगा ऑक्शन के नियमो में हो सकता है बदलाव : आईपीएल का मेगा ऑक्शन हर तीन साल में कराया जाता है, और ऐसा इसलिए होता है की सारी टीमों को बराबरी का मौका मिले। 2022 में जब गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जायंट्स की एंट्री हुई थी तब बाकी आठ टीमों को सिर्फ चार खिलाडी रिटेन करना पड़ा और उस के लिए भी कंडीशंस ऐसे थे की या तो तीन भारतीय और एक विदेशी खिलाडी को रिटेन कीजिये या फिर दो भारतीय और दो विदेशी खिलाडी को रिटेन करने की सुविधा दी गयी थी। मेगा ऑक्शन में तकरीबन चार से पांच खिलाडी ही रिटेन किये जा सकते है।
मेगा ऑक्शन को लेकर टीम मालिकों में मतभेद : मेगा ऑक्शन को लेकर कई टीम मालिकों में मतभेद देखने मिला कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइज़र हैदराबाद के मालिक शाहरुख़ खान और काव्या मारन मेगा आईपीएल कराने के खिलाफ थे तो पंजाब सुपर किंग्स के और दिल्ली कैपिटल्स के मालिक नेस वाड़ीआ और पार्थ जिंदल मेगा ऑक्शन कराने के हक़ में है। इसकी एक वजह यही है की ज़ाहिर सी बात है जो टीम ने बेहतर परफॉर्म किया है वो तो यही चाहेंगे की उनके ज़्यादा से ज़्यादा खिलाडी उनके टीम में बने रहे और जो टीमें अच्छा नहीं कर पायी उनके मालिकों को फिर से टीम बनाने का मौका चाहिए होगा। मीटिंग में काव्या मारन ने अपनी बात रखते हुए कहा की टीम स्क्वाड बनाने के लिए काफी समय लगता है और कई युवा खिलाडियों को डेवेलप करने में समय और इन्वेस्टमेंट दोनों लगते है, इसके लिए उन्होंने अभिषेक शर्मा का उदाहरण दिया की कैसे उनका गेम डेवेलप करने में तीन साल लग गए। उन्होंने अपना सुझाव देते हुए आगे ये कहा की ज़्यादा से ज़्यादा खिलाडियों को रिटेन करने का मौका मिलना चाहिए और साथ ही मेगा ऑक्शन तीन साल की जगह पांच साल में एक बार होना चाहिए। मेगा ऑक्शन के चर्चा को लेकर शाहरुख़ खान और नेस वाड़ीआ में बहस भी हुई। शाहरुख़ खान के मुताबिक 8 खिलाडियों को रिटेन करने की छूट मिलनी चाहिए।
बाकी के मुद्दों में विदेशी खिलाडियों के डिफॉल्टिंग और इम्पैक्ट खिलाडी के नियम को लेकर हुआ : कई टीम मालिक ये चाहते है की डिफ़ॉल्ट हुए विदेशी खिलाडियों पर बैन लगना चाहिए की कैसे ऑक्शन के बाद उन्होंने बैकऑउट कर लिया। मार्क वुड एक ऐसे नाम थे जिन्होंने पिछले साल आईपीएल के ऑक्शन के बाद अपना नाम वापिस ले लिया था। टीम मालिक इस मामले को सुलझाने के लिए और आगे ऐसा होने से रोका जा सके इसके लिए भी एक नियम की मांग कर रहे है। दूसरी बात इम्पैक्ट प्लेयर के नियम को लेकर देखने मिला जिसमे कुछ टीम ओनर्स का मानना है की ये नियम आल राउंडर्स के डेवेलपमेंट को भी रोकता है। बीसीसीआई के सामने अब ये चुनौती है की टीम मालिकों द्वारा बताये गए सुझावों पर सारी प्रोब्लेम्स को हल कर सके ऐसे एक सर्व सहमति टीम मालिकों में बनानी होगी और इसके लिए नियम में बद्लाव करने पड़ सकते है। चाहे वो मेगा ऑक्शन के नियम को लेकर हो या फिर विदेशी खिलाडी के डिफ़ॉल्ट होने पर या इम्पैक्ट प्लेयर के नियम को लेकर हो या फिर इन् सभी बातों को लेकर हो। बीसीसीआई अगस्त में सारी बातों का हल निकालकर टीम मालिकों को बताएगी।