ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज़ में रोहित शर्मा का खराब प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है। चारों तरफ आलोचना के बीच, सिडनी टेस्ट को उनकी कप्तानी का आखिरी मैच माना जा रहा है।
इस सीरीज़ की शुरुआत जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में शानदार जीत के साथ हुई थी। पर्थ टेस्ट में भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और ऑस्ट्रेलियाई ज़मीन पर दबदबा दिखाया। लेकिन रोहित के निजी कारणों से ब्रेक के बाद कप्तानी संभालने पर टीम का प्रदर्शन फिर से गिरने लगा। पिंक-बॉल टेस्ट में करारी हार और ब्रिस्बेन में बारिश से बचा ड्रॉ टीम के लिए कोई राहत नहीं ला सका।
सबसे बड़ा झटका मेलबर्न में लगा, जब अंतिम सत्र में भारत की टीम 184 रनों से हार गई। इस हार ने यह स्पष्ट कर दिया कि रोहित की कप्तानी का समय खत्म होने वाला है।
संभावित कप्तान: कौन संभालेगा टीम की कमान?
टीम को नए सिरे से खड़ा करने के लिए इन संभावित उम्मीदवारों पर विचार हो सकता है:

1. जसप्रीत बुमराह – सीरीज़ के हीरो
जसप्रीत बुमराह ने इस सीरीज़ में 30 विकेट लेकर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने अकेले दम पर भारत को मुकाबले में बनाए रखा है। पर्थ टेस्ट में उनकी कप्तानी की खूब प्रशंसा हुई, जहां उनकी फील्ड प्लेसमेंट, गेंदबाज़ों का सही उपयोग और टीम को प्रेरित करने की क्षमता अलग नज़र आई।
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हालांकि, बुमराह का तेज गेंदबाज़ी का दबाव उनके कप्तानी कार्यकाल को सीमित कर सकता है। उनके फिटनेस को बनाए रखना ज़रूरी होगा, अगर वह छोटे समय के लिए कप्तान बनते हैं।

2. ऋषभ पंत
ऋषभ पंत टेस्ट टीम में हमेशा अपनी जगह पक्की रखते हैं, चाहे मैच कहीं भी हो। भले ही इस सीरीज़ में उनका बड़ा स्कोर नहीं आया हो, लेकिन उन्होंने कई पारियों में अच्छी शुरुआत की है। मेलबर्न टेस्ट में उनकी एक गैर-जिम्मेदाराना शॉट ने टीम की हार में योगदान दिया, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाते हैं।
एक विकेटकीपर के रूप में पंत का मैदान पर रणनीतिक दृष्टिकोण कप्तानी के लिए सहायक हो सकता है। साथ ही, उनसे हर पारी में रन बनाने का दबाव भी थोड़ा कम रहेगा।

3. केएल राहुल
केएल राहुल ने खुद को टेस्ट टीम में एक भरोसेमंद खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है, खासकर कठिन परिस्थितियों में बतौर ओपनर। 32 साल की उम्र में उनके पास अनुभव और तकनीकी स्थिरता है, जो उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त बनाती है।
पिछले कुछ वर्षों में अपने खेल को सुधारने वाले राहुल टी20 टीम का हिस्सा नहीं हैं, जिससे वह टेस्ट क्रिकेट पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। उनकी शांत प्रवृत्ति और स्थिर खेल उन्हें लंबे समय के लिए कप्तानी का एक बेहतर विकल्प बनाते हैं।
रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत का निराशाजनक प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। जैसे-जैसे टीम सिडनी टेस्ट की तैयारी कर रही है, प्रशंसक यह जानने को उत्सुक हैं कि कौन टीम को नई दिशा देगा।
चाहे वह बुमराह की चमक हो, पंत की ऊर्जा हो, या राहुल की स्थिरता, भारतीय क्रिकेट बदलाव के मुहाने पर खड़ा है। सिडनी टेस्ट सिर्फ एक युग का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत के रूप में याद किया जा सकता है।
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