भारत के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर हमेशा अपनी बात को साफ और सटीक तरीके से रखते हैं। तीसरे टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली के मात्र तीन रन पर आउट होने के बाद, गावस्कर ने उनके शॉट चयन की कड़ी आलोचना की। कोहली ने जोश हेज़लवुड की एक वाइड डिलीवरी को खेलते हुए गेंद को ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर एलेक्स कैरी के हाथों में थमा दिया, जबकि वह गेंद स्टंप्स से काफी बाहर थी।
चैनल 7 पर बोलते हुए, गावस्कर ने कोहली के इस फैसले पर निराशा जताई।
“अगर यह चौथे स्टंप पर होती, तो समझ में आता,” गावस्कर ने कहा।
“यह गेंद सातवें या आठवें स्टंप पर थी। इसे खेलने की कोई जरूरत नहीं थी।”
विराट कोहली का खराब फॉर्म: लगातार निराशा
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली का फॉर्म चिंता का विषय बना हुआ है। उनकी पिछली 10 टेस्ट पारियों में स्कोर इस प्रकार हैं: 3, 7, 11, 5, 100, 4, 1, 1, 17, और 0। इनमें से सात बार वह दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए। पर्थ में बनाए गए एकमात्र शतक को छोड़कर, कोहली अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं, जिससे फैंस में निराशा बढ़ रही है।
सोशल मीडिया पर फैंस ने उनके प्रदर्शन पर नाराजगी जताई है। खासकर जिस तरह से वह आउट हुए, उससे प्रशंसक ज्यादा निराश हैं।
गावस्कर ने कोहली की पारी पर दी अपनी प्रतिक्रिया
सुनील गावस्कर ने गाबा की चुनौतीपूर्ण पिच पर कोहली की संयम की कमी को उजागर किया और इस बात पर जोर दिया कि ऑस्ट्रेलिया द्वारा 445 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा करने के बाद भारतीय कप्तान की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण थी।
“वह इस तरह आउट होकर बहुत निराश होंगे, बहुत परेशान होंगे। अगर कोहली ने थोड़ा संयम दिखाया होता, तो वह केएल राहुल के साथ नॉटआउट हो सकते थे,” गावस्कर ने कहा।
कवर ड्राइव का आकर्षण: कोहली के लिए सबसे बड़ी चुनौती
विराट कोहली का कवर ड्राइव खेलने का स्वाभाविक अंदाज उनकी सबसे बड़ी ताकत रहा है, लेकिन यही उनके लिए परेशानी का कारण भी बन गया है। खासकर ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर, जहां गेंद में अतिरिक्त उछाल होता है, यह शॉट जोखिम भरा हो जाता है। नेट्स में कोहली भले ही ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों को खेलने का अभ्यास कर रहे हों, लेकिन मैच के दौरान अपने स्वाभाविक खेल को रोकना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है।
सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा लेने की सलाह
क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों ने कोहली को सलाह दी है कि वह इस स्थिति से निपटने के लिए सचिन तेंदुलकर के 2004 के सिडनी टेस्ट की पारी से प्रेरणा लें। उस मैच में तेंदुलकर ने पूरे इनिंग के दौरान कवर ड्राइव खेलने से परहेज किया और एक अनुशासित पारी खेलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को निष्प्रभावी कर दिया। कोहली भी इस तरह की संयमित रणनीति अपनाकर अपने फॉर्म में वापस आ सकते हैं, खासकर ऑस्ट्रेलिया की उछालभरी पिचों पर।
विराट कोहली का ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों के खिलाफ संघर्ष नया नहीं है, लेकिन यह उनके टेस्ट करियर के लिए बड़ी बाधा बनता जा रहा है। भारतीय टीम उनकी बल्लेबाजी पर बहुत निर्भर करती है, इसलिए कोहली को इस दौर से बाहर निकलने के लिए तकनीकी और मानसिक दोनों स्तर पर सुधार करना होगा। जैसा कि गावस्कर ने सही कहा, संयम और शॉट चयन ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बेहद अहम हैं।
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