Rohit Explains What Went Wrong After Facing A Series Defeat By 2-0 : रोहित शर्मा ने बताया हार का बड़ा कारण, और कैसे सुधारेंगे गलती।



प्रेस कांफ्रेंस में बताया क्या थी हार की वजह : श्रीलंका से सीरीज में मिले 2 - 0 से हार के बाद प्रेस कांफ्रेंस में रोहित शर्मा ने बताया क्या हुई गलतियां और कैसे इसे सुधारा जाएगा। अपनी बात रखते हुए रोहित शर्मा ने सबसे पहले कहा की ऐसे मैदान पर जहाँ पिच थोड़ी स्लो होती है और गेंद को अच्छी स्पिन मिलती है वहां पर हर गेंद को डिफेंस नहीं किया जा सकता कभी थोड़ा एग्रेसिव होकर आगे बढ़कर स्ट्रोक खेलना भी ज़रूरी हो जाता है। हमे ये बात माननी चाहिए की हम ने कहाँ गलतियां की। स्पिन के खिलाफ हम ने थोड़ा एग्रेसिव एप्रोच नहीं रखा। और यही एक वजह बनी की उनके स्पिनर हम पर दबाव बनाने में कामयाब रहे। तीनो मैच में ये कमी रही, हम ऐसे पिच पर ये ज़रूर देखते है की कीन्हे मौका दिया जाना चाहिए। और ऐसे चुनवतीपूर्ण पिच पर कुछ कंसिस्टेंट खिलाडियों का टीम में होना ज़रूरी हो जाता है। नए खिलड़ियों के लिए ऐसे पिच पर खेलना आसान नहीं होता है लेकिन हमने कोशिश की क्युकी हमे बाकी खिलाडियों को भी मौका देना था। 


राइट और लेफ्ट का कॉम्बिनेशन क्यों था ज़रूरी : पत्रकार द्वारा पूछा गया एक सवाल टॉप 5 राइट हैंडेड बल्लेबाज़ को लेकर था इसके लिए रोहित ने ये बताया की ऐसे पिचों पर लेफ्ट और राइट का कॉम्बिनेशन बनाना बहुत ज़रूरी हो जाता है। आगे अपनी बात करते हुए उन्होंने कहा की ऐसे पिच पर धाकड़ तरीके का एप्रोच रखना होता है, जिसकी कमी टीम में देखने मिली। लेकिन ये सारी चीज़ें होती रहती है और हम इसका समाधान निकालेंगे। और जब ज़रूरत पड़े तो इस बारे में बात की जायेगी। 


इंडिविजुअल प्लान होना ज़रूरी है : रोहित ने बताया की सारे खिलाडी जो इंटरनेशनल टीम में खेल रहे है वो काफी घरेलु क्रिकेट खेल कर आते है तो उनको खुद एक प्लान रखना चाहिए की किस  बॉलर के सामने हम ज़्यादा अच्छे से खेल सकते है और क्या शॉट्स खेलने बेहतर होंगे। हर खिलाडी नेट्स में और मैदान में भी अपना 100 % एफर्ट लगाता है। उन्होंने आगे ये भी कहा की कई बल्लेबाज़ों के बैटिंग स्टाइल में स्वीप, रिवर्स स्वीप, पड़ले स्वीप खेलना उनके नेचर में नहीं है, लेकिन ऐसे पिच पर ये शॉट्स ज़्यादा रन देते है। हमे ऐसे पिचों पर ये शॉट्स खेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। और ये भी एक कारण था की हम तीनो मैचों में पीछे रह गए।  कभी कभी प्लेइंग इलेवन बनाना बड़ा मुश्किल हो जाता है। और ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण होता है की कई डीज़र्विंग खिलाडी को भी बाहर बैठना पड़ता है। धाकड़ होने से ये मतलब नहीं की एक या दो मैच में ऐसा हो, लेकिन कंसिस्टेंट तरीके से ऐसा होना चाहिए। ये हर खिलाडी को खुद से समझना ज़रूरी है, की किस पिच पर कैसे बल्लेबाज़ी करनी है। अगर कोई पिच हमारे बैटिंग स्टाइल को सूट कर रही है तो ठीक, लेकिन अगर सूट नहीं कर रही है तो दूसरे ऑप्शंस होने चाहिए जैसे आगे बढ़कर सिंगल और डबल के लिए पुश करना चाहिए। स्लो पिचों पर यही चीज़े बेट्समेनशिप की काबिलयत बताती है। अपने गेम प्लान पर भरोसा करके आगे बढ़ना चाहिए। 


हार को लेकर रोहित ने ये कहा की ये चीज़ें होती रहती है और इसमें ज़्यादा गहराई से देखने की ज़रूरत नहीं है।पॉवरप्ले में तेज़ रन स्कोर करना ज़रूरी था, क्युकी  हम ये जानते थे की बादमे फील्डर्स फईल जाएंगे और स्पिन होने शुरू हो जायेगी तो रन करना आसान नहीं होगा। और इसीलिए मैंने शुरू के 10 ओवर में चान्सेस लिए जहाँ मुझे लगता था की रिस्क लेना चाहिए। हर खिलाडी के लिए ये ज़रूरी है की अपना गेम डेवेलोप करने के लिए घरेलु क्रिकेट खेलते रहे। 


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श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों की तारीफ़ करते हुए  : रोहित ने कहा की उनके बल्लेबाज़ों ने काफी अच्छी बैटिंग की और ज़्यादा उन्होंने सीधे नहीं खेला बल्कि स्क्वायर एरिया में स्वीप शॉट खेल कर ज़्यादा रन्स इक्कट्ठा किये। और यही गलती हमसे हुई की हम ये सारे शॉट्स नहीं खेल पाए। मेंडिस और अविष्का फर्नांडो के बीच के पार्टनरशिप की वजह यही रही की दोनों ने विकेट के स्क्वायर साइड पर ज़्यादा रन्स बनाये। उन्होंने हमसे ज़्यादा स्मार्ट क्रिकेट खेली और इसलिए वो जीतना डिज़र्व करते है। 

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