भारतीय टीम से काफी लम्बे समय से बाहर चल रहे इशांत शर्मा और उमेश यादव को शायद ही अब टीम में फिर से जगह मिल पाएगी। दोनों को भारत के लिए खेलते हुए काफी समय हो गया है। आनेवाले समय में भी हेड कोच गौतम गंभीर और BCCI की सिलेक्शन कमिटी नए युवा तेज़ गेंदबाज़ जैसे मयंक यादव को मौका ज़्यादा देना चाहेंगे। तो ऐसे में ये हो सकता है की इन दो गेंदबाज़ो को बिना फेयरवेल मैच के ही रिटायरमेंट लेना पड़ जाए। हाल ही में हमने देखा की मिस्टर ICC कहलाने वाले शिखर धवन भी बिना फेयरवेल के ही रिटायरमेंट ले लिए। अपने इन् चहिते खिलड़ियों को बिना फेयरवेल मैच के बिदाई देना फैन्स के लिए भी काफी इमोशनल मूमेंट तो होता है और उन्हें आखरी बार खेलते हुए देखने का मौका मिस करने का मलाल भी होता है। महेंद्र सिंह धोनी, वीरेंद्र सेहवाग, गौतम गंभीर ये कुछ ऐसे बड़े नाम है जिन्हे बिना फेयरवेल मैच के ही रिटायरमेंट अनाउंस करनी पड़ी।
इशांत शर्मा का शानदार शुरुवात : इशांत शर्मा ने भारत के लिए 2007 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था उस समय वो सिर्फ 19 साल के थे। उसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में उन्होंने सबको अपनी गति और स्विंग से प्रभावित किया। इतनी कम उम्र में 145 के गति से दोनों तरफ गेंद स्विंग करने की काबिलियत के चलते उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लीजेंड बल्लेबाज़ रिक्की पोंटिंग को भी काफी परेशान किया था। 2007 में ही उन्होंने ODI में भी डेब्यू किया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 15 विकेट्स ले लिए और भारत के लिए ज़हीर खान के साथ एक अच्छा बोलिंग पार्टनर बन गए। लेकिन शुरू के पांच साल उनका बोलिंग एवरेज 37 का रहा जो की काफी ज़्यादा था। वो अपने लाइन लेंथ से संघर्ष करने लगे और फिर एंकल इंज्युरी के चलते वो टीम से बाहर भी हुए।
लगातार इंज्युरी से हुआ परफॉरमेंस पे असर : एंकल इंज्युरी के बाद टीम में कमबैक करने पर उन्होंने अपने परफॉरमेंस में काफी सुधार किया और अगले 35 टेस्ट में उन्होंने 23 के एवरेज से गेंदबाज़ी की। लेकिन फिर घुटने की इंज्युरी के चलते उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। और उन्होंने अपना पेस और स्विंग भी खो दिया उन्हें अपना आखरी टेस्ट मैच खेले लगभग तीन साल हो गए जो उन्होंने 2021 में न्यू ज़ीलैण्ड के खिलाफ खेला था।
करियर हाईलाइट : इशांत शर्मा ने कुल 105 टेस्ट मैच खेले जिनमे उनका 32 का एवरेज रहा और 311 विकेट्स लेने में वो कामयाब रहे। ODI के 80 मैच में उन्होंने 115 विकेट्स लिए और मात्र 14 टी 20 मैचेस खेले जिसमे वो सिर्फ 8 विकेट्स ले पाए। इनकी मौजूदा उम्र 36 साल की है तो ऐसे में उनका टीम में कमबैक करना मुश्किल ही लग रहा है।
उमेश यादव रहे अंदर बाहर : उमेश यादव ने 2010 में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ ODI मैच से भारतीय टीम में डेब्यू किया और अगले ही साल वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में भी उन्हें डेब्यू करने का मौका मिला। लगातार 140 के स्पीड से गेंदबाज़ी करना और गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराना इनकी पहचान थी। इशांत शर्मा की तरह इन्होने भी टीम में जगह बना ली। रणजी के लिए ये विदर्भा से खेलते थे और पिता खदान में लेबर थे। इनके लिए भारतीय टीम का सफर एक सपने जैसा ही था। क्युकी शुरू में ये पुलिस में भर्ती होना चाह रहे थे। विदर्भा के लिए खेलते हुए इन्होने मात्र 4 मैच में 20 विकेट्स ले लिए और सबकी नज़रों में छा गए।
करियर का बेहतरीन समय : इनके करियर का सबसे बेहतरीन समय रहा 2015 का वर्ल्ड कप, जिसमे ये भारत के फ्रंट लाइन गेंदबाज़ थे और 18 विकेट लेकर ये तीसरे सबसे बेहतर गेंदबाज़ बने। लेकिन फिर इंज्युरी के चलते टीम से बाहर होना पड़ा।
जय शाह बन सकते है ICC के नए चेयरमैन।
उमेश का करियर हाईलाइट : उमेश यादव ने 57 टेस्ट मैच खेले जिसमे उन्होंने 170 विकेट्स लिए और 75 ODI में 106 विकेट्स लेने में कामयाब रहे। टी 20 में इन्होने सिर्फ 9 मैच खेले जिसमे इन्हे 12 विकेट्स मिले। इन्होने आखरी बार भारत के लिए 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था। इनकी मौजूदा उम्र 36 वर्ष है घरेलु क्रिकेट तो ये अभी खेल रहे है लेकिन भारतीय टीम में वापसी का मौका नज़र नहीं आता।
स्विंग किंग भुवनेश्वर कुमार अभी 34 साल के है, और हो सकता है वो टीम में वापसी कर सके। ये निर्भर करता है की वो आने वाले लम्बे घरेलु सीजन में कैसे परफॉर्म कर रहे है।