दोस्तों क्रिकेट वैसे तो एक टीम गेम है, और इसमें कभी कोई एक खिलाडी सिर्फ मैच नहीं जीता ता। कई खिलाडियों के योगदान से ही क्रिकेट का मैच जीता जाता है। कल मुंबई के वानखेड़े में चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियन्स के बीच खेले गए आईपीएल मुक़ाबले में मैच का नतीजा देखकर हमे ये सोचने पे मजबूर किया है की क्या धोनी भाई के 4 गेंदों में 20 रन की पारी ही बनी मैच की निर्णायक वजह। ऐसा कहने के पीछे क्या वजह है आपको बताते है।
टॉस जीतकर फील्डिंग : कल हुए मैच में मुंबई इंडियन्स को चेन्नई सुपर किंग्स के सामने 20 रन से हार झेलनी पड़ गयी। टॉस जीतकर मुंबई के कप्तान हार्दिक पंड्या ने वानखेड़े के मैदान में टारगेट चेस करना सही समझा और गेंदबाज़ी करने का फैसला लिया। उनके इस फैसले को तब झटका लगा जब चेन्नई के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ और शिवम् दुबे ने मिलके मिडिल ओवर में 9 से 15 (मात्र 6 ओवर) में 90 रन की पार्टनरशिप कर दी इस पार्टनरशिप की वजह से मुंबई थोड़े बैकफुट पर लग रही थी लेकिन 16 वे ओवर में ऋतुराज गायकवाड़ के आउट होने पर डेरिल मिशेल क्रिस पर आये।
डेरिल मिशेल का संघर्ष : डेरिल मिशेल टाइमिंग नहीं जमा पा रहे थे और क्रिस पर उन्हें बड़े शॉट्स खेलने में थोड़ा संघर्ष करना पड़ रहा था। दर असल मैदान में मौजूद सभी फैन्स, टीवी और मोबाइल पर मैच देख रहे सभी दर्शक ये उम्मीद लगाए बैठे थे की 16 वे ओवर में तीसरा विकेट गिरने के बाद सबके चहिते महेंद्र सिंह धोनी बल्लेबाज़ी करने आएंगे यहाँ तक की कमेंटेटर्स भी इसी की आशा कर रहे थे। डेरिल मिशेल की संघर्षपूर्ण पारी 14 गेंदों में 17 रन बनाकर ख़तम हुई जिसमे वो सिर्फ एक ही चौका लगा पाए। 20 वे ओवर की दूसरी गेंद पर उन्होंने अपना विकेट खोया।
धोनी का आगमन : डेरिल मिशेल का विकेट गिरते ही, स्टेडियम में शोर का मीटर हाई हो गया इतना की लगभग 130 डेसिबेल तक जा पंहुचा, इसकी बड़ी वजह ये थी की मैदान पे अब बल्लेबाज़ी करने आ रहे थे महेंद्र सिंह धोनी भले ही चेन्नई की पारी के सिर्फ 4 गेंद बचे थे। पिच की तरफ बढ़ते हुए धोनी के हर कदम पे बढ़ता हुआ शोर और धोनी धोनी का नाम काफी था ये बताने के लिए कोई लीजेंड क्रिस पर बल्लेबाज़ी करने आ रहा है।
धोनी के आखरी 4 गेंद का रोमांच : मुंबई की तरफ से आखरी ओवर खुद कप्तान हार्दिक पंड्या कर रहे थे, जब मुंबई के खिलाड़ी ये सोच रहे थे की आखरी 4 गेंद बचे है, तब उन्हें इस बात का अंदाज़ा भी नहीं होगा की इन् अंतिम 4 गेंदों में ही असली तूफ़ान आनेवाला है। महेंद्र सिंह धोनी के स्ट्राइक लेते ही हुआ कुछ ऐसा।
20 वे ओवर की तीसरी गेंद, जो की ऑफ स्टंप के बाहर के फुल लेंथ की गेंद थी उसे धोनी ने लॉन्ग ऑफ के ऊपर से लॉफ्टेड सिक्स लगा दिया इस शॉट ने कुछ वर्ल्ड कप 2011 के विनिंग सिक्स की भी याद दिला दी। लाखो करोड़ो दर्शोको के लिए ये लम्हा काफी था, पुरानी यादों को ताज़ा करने के लिए। स्टेडियम में शोर बढ़ते ही चला गया।
20 वे ओवर की चौथी गेंद, इस बार एक गुड़ लेंथ की गेंद ऑफ स्टंप के बाहर से वाइड लॉन्ग ऑन के ऊपर से एक और छक्का लगा दिया। अब दर्शको की धोनी के प्रति दीवानगी सर चढ़ कर बोल रही थी।
20 वे ओवर की पांचवी गेंद, लेग स्टंप के बाहर की फुल टॉस गेंद पर स्क्वायर लेग के ऊपर से फ्लिक कर के एक और छक्का लगा दिया। ख़ुशी के मारे सारे फैन्स झूम रहे, नाच रहे , कूद रहे और पुरे लम्हे का मज़ा उठा रहे जिसका श्रेय सिर्फ माहि को ही जाता है। अपने फैन्स का क्या खूब ख्याल रखा उन्होंने।
मुश्किल 200 को पार करा दिया धोनी ने : 20 वे ओवर की आखरी गेंद पर 2 रन लेकर, धोनी ने 4 गेंदों में 20 रन स्कोर कर दिए। इसके साथ ही चेन्नई का स्कोर जा पंहुचा 206 रन। लेकिन जब डेरिल मिशेल संघर्ष कर रहे थे तब 190 का स्कोर भी मुश्किल लग रहा था।
मुंबई का पलटवार : 207 रन के लक्ष्य को हासिल करने उतरे मुंबई के ओपनर बल्लेबाज़ रोहित शर्मा और ईशान किशन ने अच्छी शुरुवात दी। पॉवरप्ले तक बिना कोई विकेट खोये 60 रन पार कर चुके थे जो की मैच जीतने के ज़रूरी रन रेट के बराबर था। ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव के विकेट गिरने के बाद भी 13 ओवर तक 130 रन स्कोर कर के मुंबई ने मैच में अच्छी पकड़ बना कर रखी थी।
अंगद की तरह जमे रोहित : रोहित शर्मा न सिर्फ एक छोर संभाले हुए थे, बल्कि रन की गति को भी ज़रूरी रन रेट के हिसाब से चला रहे थे। लेकिन फिर रोहित शर्मा को आखरी के कुछ ओवर में स्ट्राइक कम मिलने से ज़रूरी रन रेट बढता चला गया। वो अंगद की पैर की तरह जमे तो रहे अपनी सेंचुरी भी पूरी की लेकिन मुंबई मैच 20 रन से हार गयी।
चेन्नई की जीत : वो 20 रन जो एक बार चेन्नई के लिए भी लगभग न मुमकिन लग रहे थे जब डेरिल मिशेल बल्लेबाज़ी कर रहे थे। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा की धोनी के 4 गेंद पर 20 रन की पारी ने चेन्नई को मैच जीता दिया।